'पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन' योजना की हुई शुरूआत, कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को हर महीने मिलेंगे 4 हजार...5 लाख का मुफ्त इलाज की भी व्यवस्था
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सशक्त बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने आज पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की। जिले के मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में पीएम का सम्बोधन का लाइव प्रसारण किया गया जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री समेत आला अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान इस योजना में जनपद में चयनित 13 बच्चे भी पीएम के संबोधन को मौजूद रहकर सुने।
कोरोना महामारी से बेसहारा हुए बच्चों के समुचित विकास, संरक्षण, शिक्षा एवं कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बच्चों को पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन योजना की शुरूआत की। महराजगंज जनपद के जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और जिले के आला अधिकारियों के मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का लाइव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के दौरान इस योजना से जनपद में चयनित 13 बच्चे भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी के संबोधन के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्र एवं उत्तर प्रदेश की सरकार सभी बच्चों के साथ खड़ी है और उनका भविष्य संवारने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी जिम्मेदारियां सरकार उठा रही है। केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता नहीं रहे। उनकी सहायता के लिए प्रधानमंत्री ने पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की है। महराजगंज जनपद में भी इस योजना के तहत 13 बच्चे चिन्हित किए गए हैं। जिन्हे इस योजना का लाभ मिलेगा।
मुश्किलों को कम करने का छोटा सा प्रयास है पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन योजना : पीएम मोदी
कार्यक्रम के दौरान लाइव प्रसारण में पीएम मोदी ने कहा कि पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन, कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है। यह इस बात का प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। प्रधानमंत्री ने कहा; रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से ऐसे बच्चों के लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब बच्चे 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये एक साथ मिलेंगे। वहीं कोई बीमारी होने पर इलाज के लिए 5 लाख रुपये की भी व्यवस्था सरकार ने आयुष्मान योजना से की है।
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